श्रेष्ठतम् सोमवार
सोमवार को कर शुरू, संभाल महादेव ।
मिले सुख-शांति आपको, तुम्हें बनावे देव।।
तुम्हें बनावे देव, देय बुध कीर्ति वैभव ।
पूर्ण आयु संतान, सभी पाय पूर्ण-वैभव ।।
कह ‘वाणी’ कविराज, भरे गुरुज्ञान-भण्डार।
शुक्र भी सुख देवे, पर श्रेष्ठतम् सोमवार ।
शब्दार्थ:
: समाज-वैभव = समाज में प्रतिष्ठा
भावार्थ:
निर्माण-कार्य सोमवार को प्रारंभ करने से भोले शंभ महादेव सभी विघ्न बाधाएँ दुर कर देते हैं। सुख शांति प्रसन्नता देते हुए आपको भी देव-पुरुष बना देंगे। बुधवार के दिन प्रारंभ करने से धन, कीर्ति व वैभव बढ़ता है। पूर्ण आयु संतानें घरों में जन्म लेकर समाज में कुल-गौरव बढ़ाती हैं।
‘वाणी’ कविराज कहते हैं कि गुरुवार को निर्माण कार्य प्रारंभ करने से ज्ञान भण्डार शीघ्र भर जाता है। शुक्रवार भी ठीक-ठीक सुखदायी है किंतु सर्वश्रेष्ठ वार तो सोमवार ही होता है। स्वयं के इष्ट-देव, कुल-देव, देवी-देवता तथा कुल गुरु एवं ज्योतिषियों आदि द्वारा बताई गई तिथियों एवं वार को भी महत्त्व देना चाहिए। सातों वारों के उक्त वर्णित प्रभाव तो सार्वभौमिक हैं।
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