Vastu Shastra: Office (SK-58)


ऑफिस ऑफिस ऐसा आपका, नैऋत्य कोण होय । पीछे जो दीवार हो, कभी न कोई रोय ।। कभी न कोई रोय, दिन-दिन होगी तरक्की। लाख-लाख की बात, पल-पल में होय पक्की।। कह ‘वाणी’ कविराज, सुनो भैया मेडम मिस। कर तनिक हेर-फेर, सफल करो वही ऑफिस ।।
शब्दार्थ: तरक्की = उन्नति

भावार्थ:
श्रेष्ठ ऑफिस वह होता जो केम्प सके नैऋत्य कोण में हो और अधिकारी भी कमरे के नैऋत्य कोण में ही बैठते हों। पीठ की ओर ठोस दीवार होने से कभी विवाद नहीं होते हैं। संस्था प्रगति की ओर बढ़ती ही जाती है। बड़े-बड़े गंभीर मुद्दे थोड़े से विचार-विमर्श से सुलझ जाते हैं। लाख-लाख रूपयों की बातें व बडे-बडे सौदे कुछ पल भर में ही तय हो जाते हैं।
‘वाणी’ कविराज कहते हैं कि हे श्रीमान् ! मेडम व मिस बस आप थोड़ा-सा हेर-फेर करके ही अपने ऑफिस को पूर्ण सफल ऑफिस बना सकते हैं।
वास्तुशास्त्री : अमृत लाल चंगेरिया



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