हालत
हालत डाँवा-डोल हो, दिन-दिन उतरे वेट ।
डाक्टर देखे आपको, बढ़ती जाये रेट ।
बढ़ती जाये रेट, होय जब जेबें खाली ।
सीख एक्यूप्रेशर, बजा तू प्यारे ताली ।।
कह ‘वाणी’ कविराज, दूर यूँ करदो आफत ।
मकान वास्तुनुसार, आपकी सुधरे हालत ।।
शब्दार्थ:: डांवा डोल = अस्वस्थ,वेट = शरीर का वजन, रेट = फीस, एक्यूप्रेशर = एक चिकित्सा पद्धति जिसमें मरीज से ताली भी बजवाई जाती है, आफत = परेशानी
भावार्थ: एक गृहस्वामी की शारीरिक हालत ज्यों ज्यों कमजोर होती गई व वजन घटता गया, त्यों-त्यों लालची डॉक्टर अपनी फीस बढ़ाता गया ।इलाज कराते-कराते जब जेबें पूरी खाली हो गई, तब डॉक्टर ने उसे एक्यूप्रेशर विधि के नाम से मुफ्त उपचार के दौरान तालियाँ बजाने की सलाह दी ।
‘वाणी’ कविराज कहते हैं कि हे रोगियों ! विश्वास करें, भवन में वास्तु सिद्धांतों के अनुरूप तनिक हेर-फेर करने मात्र से आपके असाध्य रोग भी ठीक हो जाएंगे ।
वास्तुशास्त्री : अमृत लाल चंगेरिया
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