Vastu Shastra: Dhlan/ Slope of Land (SK-74)

ढलान

बच्चे काम करें नहीं, आज करें ना काल । कहना माने ना कभी, सदन सिनेमा हाॅल ।। सदन सिनेमा हाॅल, लगावे घूसे लातें। हत्या देय कराय, करे जासूसी बातें। कह ‘वाणी’ कविराज, सभी बन सकते अच्छे। पश्चिम बदल ढलान, बदल जावेंगे बच्चे।
शब्दार्थ:: सदन = मकान, काल = आने वाला कल
  • भावार्थ:
    जब बच्चे कोई काम नहीं करते हों और ना भविष्य में ऐसी उम्मीद हो, वे दिन भर धूम मचाते रहें। सदन ऐसा लगने लगता है जैसे सिनेमा हाल हो। प्रतिदिन एक दूसरे के लातें-धूंसे मारते, लड़ते-झगड़ते हुए सुबह से शाम हो जाती है। ऐसे बच्चे बड़े होने पर कभी-कभी हत्याएँ तक कर देते हैं। कभी ऐसी जासूसी बातें करते हैं कि घर वालों का जीन मुश्किल हो जाता है।
    ‘वाणी’ कविराज कहते हैं कि वे सभी पुनः सुधर कर नेक बच्चे बन जाएंगे.सच्चेव अच्छे बन जाएंगे, तुम्हें तो एक ही कार्य करना है कि पश्चिम दिशा का ढलान बदल कर उसे उत्तर पूर्व की ओर करना।
    वास्तुशास्त्री: अमृत लाल चंगेरिया




कोई टिप्पणी नहीं:

कॉपीराइट

इस ब्लाग में प्रकाशित मैटर पर लेखक का सर्वाधिकार सुऱक्षित है. इसके किसी भी तथ्य या मैटर को मूलतः या तोड़- मरोड़ कर प्रकाशित न करें. साथ ही इसके लेखों का किसी पुस्तक रूप में प्रकाशन भी मना है. इस मैटर का कहीं उल्लेख करना हो तो पहले लेखक से संपर्क करके अनुमति प्राप्त कर लें |
© Chetan Prakashan