Vastu Shastra : Dakshin Road / Road On Southern Side (SK-35 )






दक्षिण रोड़ दक्षिण पथ की ओर तो, खड़े भई यमराज। आते-जाते जो रहो, लगे कभी आवाज ॥ लगे कभी आवाज, आप पसन्द आजावे । कर पल में बीमार, बिफोर टाइम बुलावे ॥ कह'वाणी' कविराज, दु:ख जाय पीछाछोड़। श्रेष्ठ कुल जन्म होय, रखले दक्षिण का रोड़।
शब्दार्थ: यमराज: मृत्यु के देवता, भई - भ्राता, बिफोर टाइम: समय से पहले
भावार्थ :
सभी जानते हैं कि दक्षिण दिशा में मृत्युदेवता यमराज अपनीखाता बही लिए आँखों परफोटोग्लास का चश्मा लगाकर ट्राफिक पुलिस की भाँति दिन-रात खड़े रहते हैं। मकान का मेन गेट दक्षिण में होने से आपका आना-जाना भी बराबर बना रहेगा, तब तो यमराज किसी भी दिन आपको आवाज दे सकते हैं। बाईचान्स आपका पर्सनल बिहेवियर उन्हें पसन्द आ गया तो एक पल में बीमार कर तुम्हें बिफोर टाईम भी बुला सकते हैं।
'वाणी' कविराज कहते हैं कि असंख्य दुःखों से भरा हुआ यह असार संसार आपका पीछा छोड़ देगा। कुछ वर्षों तक स्वर्ग-निवास के पश्चात् ऊँचे घर में पुनर्जन्म होगा। उक्त सभी बातें चाहते हो तो रखलो, रखलो भाई! तुम दक्षिण दिशा में रोड़ रखलो। पूर्वी भाग की ओर प्रवेश द्वार रख नैऋत कोण सर्वोच रखने पर उसी भूमि से श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं।
वास्तुशास्त्री : अमृत लाल चंगेरिया



4 टिप्‍पणियां:

Mithilesh dubey ने कहा…

accha laga

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…


अमृत लाल चंगेरिया जी

नमस्कार !

दक्षिण रोड़ कुंडली के माध्यम से आपकी अमृत 'वाणी' के लिए साधुवाद !
ज्ञान भी, विज्ञान भी, साहित्य भी … वाह वाऽऽह !
…और ऊपर से शानदार चित्र भी ! अवश्य ही शेखर बाबू ने बनाया होगा … बधाई !


शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

दक्षिण दिशा का ज्ञान देते हुए आपने जीवन में मृत्य से बड़ा कोई सत्य नहीं का ज्ञान दे रहे हैं.. अच्छी कविता..

http://www.vastushastram.com/ ने कहा…

Could u provide the details in english.

Vastushastram

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